कुर्बानी पैगंबर इब्राहिम की यादगार है -: मौलाना असरी
जुन्नारदेव -:क्षेत्र में ईद उल अजहा ईद का पर्व हर्ष उल्लास से मनाया गया। नगर की जामा मस्जिद ,गरीब नवाज मस्जिद, मदीना मस्जिद -दातला,माजरी मस्जिद ,आयशा मस्जिद, मदरसा मोहम्मदिया, में ईद की नमाज अदा की गई ,एवं देश के लिए अमन व शांति की दुआएं करने हजारों हाथ उठ गए।इस त्योहार में बकरे की कुर्बानी देना एक प्रतीक मात्र है, सही कुर्बानी अपने बुरे कर्मों, बुरी आदतों को कुर्बान कर के समाज-निर्माण में अपना जीवन समर्पण कर देने का नाम ही कुर्बानी है । हकीकत यह है कि कुर्बानी पैगंबर इब्राहिम की यादगार है | उक्त आशय की तकरीर मस्जिद आयशा में मौलाना आबिद असरी ने किया और बताया कि अल्लाह ने ख्वाब में दिए गए आदेश पर पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया था। तभी से बकरा ईद पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाई जाती है। जैसे ही उन्होंने अपने बेटे की गर्दन पर छुरी रखी, तो अल्लाह के हुक्म से उनके बेटे की जगह भेड़ की कुर्बानी हो गई। इससे पता चलता है कि हज़रत इब्राहिम ने अपने बेटे की मुहब्बत से भी बढ़ कर अपने रब की मुहब्बत को अहमियत दी। ईद के अवसर पर एसडीओपी के के अवस्थी,थाना प्रभारी बृजेश मिश्रा सहित पुलिस दलबल के साथ जगह-जगह तैनात रहा ।