Right Path News: राइट पथ//**+91 94259 05996: –पेशकश:- मौ. अब्दुर्रऊफ़ कुरैशी
हम हमेशा ग्लोबल विज़न, बिगर अप्रोच, क़ुव्वत बढ़ाने की बात क्यूँ करते है…
उसकी वजह है कि ग्लोबल होना हमारी इनर केमिस्ट्री है…इन्सान अपनी फ़ितरत से ही ग्लोबल है…उसके अन्दर जो सॉफ़्टवेयर इन्स्टॉल्ड है वो ग्लोबल/यूनिवर्सल ही है…
इन्सान हमेशा से उसी को अपना एल्फ़ा मानता आया है जो ग्लोबल विज़न रखता है…
दुनिया हमेशा उसी के ताबे रही है और रहेगी जो ग्लोबल होता है…जो बड़े सवालों के जवाब देता है…बड़ी प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन बताता है…लोकल विज़न वाले हमेशा ग्लोबल विज़न वालों के ताबे ही रहेंगे…
क़ुरआन सिर्फ़ मुसलमान को ही नहीं बल्कि दुनिया के हर इन्सान को ग्लोबल विज़न, यूनिवर्सल विज़न वाला बनाने के लिए ही नाज़िल हुआ था…सिर्फ़ अपना अपना खेलकर लोगों ने अपने आप को ख़ुद ही बौना बना लिया…
ग्लोबल विज़न और ग्लोबल अप्रोच क्या होते हैं इसको आप इससे समझ सकते हैं…
मुहम्मद(ﷺ) इतने नेक, इतने पारसा, ईमानदार, हक़ परस्त…दुनिया की इब्तिदा से लेकर ख़ात्मे तक की सबसे बेहतरीन शख़्सियत…
इतने अज़ीम नबी( ﷺ)को दुनिया के सबसे गन्दे बदतरीन गुनाहों वाली जगह पर भेजा जाना ज़रूरी था…यानी अरब…
दुनिया का सबसे बड़ा डॉक्टर ही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी के मरीज़ों का इलाज कर सकता है…
मुहम्मद(ﷺ) के आने से पहले दौरे जहालत के वक़्त अरबों के गुनाह किस लेवल के थे ये सबको पता ही है…
औरतों, आदमियों, ज़मीन जायदाद, क़बीलों… ect में क्या मामलात चल रहे थे…???
लड़कियों को पैदा होते ही ज़िन्दा ज़मीन में दफ़ना कर मार दिया जाता था…और ये उनके सबसे छोटे गुनाहों में से एक था…तो बड़े गुनाहों का अंदाज़ा लगा लीजिए…
इतनी बड़ी बीमारी के मरीज़ों के इलाज के लिए मुहम्मद(ﷺ) जैसा अज़ीम डॉक्टर ही ज़रूरी था…
मुहम्मद(ﷺ) ग्लोबल विज़न लेकर आए…उन्होंने उस बीमारी को जड़ से ख़तम भी किया और अरबों को ग्लोबल विज़न देकर सुपर पॉवर भी बना दिया…
अल्लाह ने ये एक्ज़ाम्पल इसीलिए रखी ताकि क़यामत तक कोई मुसलमान ये बहाना नहीं कर सके कि हमें बहुत ख़राब हालात या ख़राब दौर मिला…
मुहम्मद(ﷺ)ने हमें ग्लोबल परपज़ सैट करके दे दिया…अब कोई बहाना नहीं…
अल्लाह ने बता दिया कि अब क़यामत तक पहले की तरह कोई आँधियाँ नहीं आएँगी, पत्थर नहीं बरसेंगे, सैलाब नहीं आएँगे…अब मोमिन की क़ुव्वते बाज़ू से ही सरकशों पर आज़ाब आएगा…उनको हक़ पर लाया जाएगा…
अगर इबलीस से पूछा जाए कि इब्तिदा से इन्तिहा तक तेरा सबसे बड़ा दुश्मन कौन…???
उसका जवाब होगा…मुहम्मद मुस्तफ़ा(ﷺ)…
हम उसी नबी की उम्मत हैं…हमारी ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी है…छोटा छोटा खेलना छोड़कर क़ुव्वत, विज़न, अप्रोच बढ़ाना…यूनिवर्सल विज़न ही हमारा मक़सद होना चाहिए…दुनिया को हमारे ताबे आना ही पड़ेगा…।।।
इंशा अल्लाह