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उर्दू अदब **हरएक की अपनी अहमियत ** कार ए जर* जर ही करे ,कार ए बशर* बशर l🔹
कार ए शजर* शजर करे, कार ए हजर* हजर ll🔹
हर खास का लिहाज है लाजिम* यहां तभी
🌸कार ए जबर* जबर करे, कार* ए नजर नजर ll
कार यानी काम (सेवा) ए यानी का की के, जर यानी दौलत बशर यानी इंसान l
शजर यानी वृक्ष हजर यानी पत्थर लिहाज यानी मर्यादा लाजिम यानी अनिवार्य zabar यानी ऊपरवाला सर्व शक्तिमान नजर यानी दृष्टि
-शायर– जर्नलिस्ट सईद गौरी मस्त इंडिया एमपी डिस्ट्रिक्ट गुना🔸