सूरह मुल्क*09 से 18 तक
वे जवाब देंगे, हाँ ख़बरदार करने वाला हमारे पास आया था किन्तु हम ने उसे झुठला दिया और कहा अल्लाह ने कुछ भी नाज़िल नहीं किया है। तुम लोग बड़ी गुमराही में पड़े हुए हो।-9
और वे कहेंगे कि अगर हम सुनते या समझते तो हम दोज़ख़ वालों में शामिल न होते ।-10.
इस तरह वे अपने गुनाह को स्वीकारेंगे, तो लानत है दोज़ख़ियों पर ।-11.
जो लोग बे देखे अपने रब से डरते हैं उन के लिए क्षमा और बड़ा अज्र (इनाम) है ।-12.
तुम अपनी बात को छिपाओ या ज़ाहिर करो,वह तो दिलों के राज़ भी जानता है।-13.
क्या वह न जानेगा जिस ने पैदा किया है ?वह बड़ा सुक्ष्मदर्शी 18 और ख़बर रखने वाला है।-14.
वही है जिस ने तुम्हारे लिए ज़मीन को वशीभूत किया, चलो उस के कंधो पर और खाओ अल्लाह के रिज़्क़ में से। उसी के समक्ष उठ खड़े होना है । -15.
क्या तुम उस से, जो आसमान में है निर्भय हो गए हो कि तुम्हें ज़मीन में धँसा दे और वह यकायक हिलने लगे।*16.
क्या तुम उस से, जो आसमान में है निर्भय हो गए हो कि तुम पर पथराव करने वाली हवा भेज दे फिर तुम्हें मालूम हो जाए कि मेरी तंबीह कैसी होती है।–17
इन से पहले गुज़रे हुए लोग भी झुठला चुके हैं। तो देख लो कैसा रहा मेरा अज़ाब (प्रकोप)।–18