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दिल्ली हाई कोर्ट ने कई हज समूह आयोजकों के पंजीकरण प्रमाणपत्र और कोटा के निलंबन पर रोक लगाते हुए कहा है कि मुसलमानों के लिए हज केवल एक छुट्टी भर नहीं है, बल्कि अपने धर्म और आस्था का पालन करने का एक जरिया भी है, जो एक मौलिक अधिकार है। केंद्र सरकार ने हाजियों के लिए टूर ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले कुछ हज समूह आयोजकों (एचजीओ) का पंजीकरण और कोटा पिछले महीने उस समय निलंबित कर दिया था, जब ये समूह विभिन्न आधारों के चलते अपात्र पाए गए थे। इन आधारों में उन तथ्यों को जानबूझकर गलत रूप से पेश किया जाना भी शामिल है, जिनके कारण इन्हें पहले स्थान पर एचजीओ के तौर पर पंजीकृत दिया गया था।