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समूह लोन एक ऐसा जाल है जिसमें ना समाज ब्याज के दलदल में फस रहा है बल्कि खुद की माली हालत और बहन बेटियो की इज्जत भी संगसार हो रही है।
अगर बुनियादी हकीकत की बात करे तो कई ऐसी औरते है,
जो किश्त ना भरने की धमकी या खुद को जलील होता हुआ देख
वेश्यावरत्ती में लिप्त हो जाती है। और इनका शोषण सर्वप्रथम वो ऑफिसर करता है जो समूह लोन कि रिकवरी करता है। ये किश्त भरने के लालच में आ जाती है और फिर शुरू होता है, जिस्म फरोशी का व्यवसाय
इस नदी में वे स्वयं ही नहीं बल्कि अपनी साथ वाली महिलाओं को भी धकेल देती है।
बड़े लेवल पर है पर कई बस्तियां ऐसी है जहां पर गौर ओ फिक्र की जरूरत है। आने वाले कुछ सालो में इसका और भयंकर रूप देखने को मिलेगा एक बात और हमारी कम पढ़ी लिखी समाज की महिलाएं मिडिल क्लास महिलाओं को ब्याज कम बताया जाता है जबकि अधिक वसूली करते हिसाब का गणित भी नही आता उन्हें तो बस उधार लोन मिल रहा वो काफी है बाद में कब कितना भरना वोह बाद कि बाद में सोचेंगे जिस से वो दिन पे दिन लोन लेने के बाद भी कर्जदार हो रही है उनका भला नही हो रहा है
जबकि समूह लोन कंपनियां दिनों दिन फल फूल रही है। जिम्मेदार हज़रात इस विषय पर काम करने के लिए कोई रूपरेखा बनाए। या ओलमाओ को अपनी तकरीरों में इस मोजू को उठाने और ब्याज हराम है पर जोर देने के लिए उनसे मिला जाए जोभी जिम्मेदारो को बेहतर लगे!
मुझे भी लगा कि कोम के लिए
समय दिया जाना चाहिए
ये ग्रुप के दो चार सदस्यों का काम नहीं है बल्कि बिना डरे हमें सबके साथ खड़े होना पड़ेगा।
आप सभी लोगों से निवेदन हैं
इस msg को सभी ग्रुप में send करे ताकि हमारी
जो मां बहन है वो इस बुराई से बचे।